Friday, 10 December 2010

GOD

एक  बार  स्वामी  रामतीर्थ  अमरीका में एक विशाल  जनसमूह  को  सम्बोधित कर रहे थेI

तभी  बीच  में  एक  महिला  ने  उनसे  प्रशन  किया कि- 'आप कहते हैं कि आपने  ईशवर

को देखा है,  तो कृपया बताएं कि  वह मिस्टर है,  मिसेज है या मिस है?'  स्वामी

जी ने मुस्कुरा कर उत्तर दिया कि ,' वह परमात्मा न तो मिस्टर है,  न मिसेज

है,  और न ही मिस हैI  वह तो एक मिस्ट्री (रहस्य)  हैI  ऐसी मिस्ट्री जिसका उदघाटन

केवल मानव-तन रुपी प्रयोगशाला में ही हो सकता हैI  और धर्म (ब्रह्मज्ञान)  ही वह युकित

है,  वह मार्ग है जो मानव-तन के भीतर प्रभु रुपी इस गूढ़ रहस्य को उद्धघाटित कर

सकता है,  उसका साक्षात्कार  करा सकता हैI

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